वाराणसी। पीएम के संसदीय क्षेत्र में फ्लाईओवर हादसे के दौरान बेगुनाहों की मौत व घायल होने के मामले में शनिवार को राज्य सेतु निगम के इंजीनियर और ठेकेदार सहित 8 लोगों को सिगरा पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के विरुद्ध धारा 304 ए, 308, 427, 34 आईपीसी व 3\ सार्वजनिक क्षति निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। इस प्रकरण में रोडवेज चौकी इंचार्ज की तहरीर पर केस दर्ज होने के बाद जांच क्राइम ब्रांच की टीम कर रही थी।
एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि शनिवार को पूछताछ के लिए राज्य सेतु निगम के पूर्व मुख्य परियोजना प्रबंधक गेंदालाल, तराशबीन हरिशचंद तिवारी, तत्कालीन परियोजना प्रबंधक कुलजश राय, सहायक अभियंता राजेंद्र सिंह, अवर अभियंता राजेश पाल सिंह, जेई लालचंद्र सिंह, एई राम तपस्या सिंह यादव और ठेकेदार साहब हुसैन को पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच कार्यालय में बुलाया गया था हादसे के बाबत संतोषजनक बयान न दे पाने की स्थिति में आठों को गिरफ्तार कर लिया गया। दोपहर करीब 2:30 बजे हुई गिरफ्तारी के बाद सभी को मीडिया के सामने पेश किया गया। याद होगा, 16 मई को वाराणसी फ्लाईओवर हादसे में कई बेगुनाहों की मौत हो गई थी। जीवन मौत के बीच गंभीर संघर्ष के बाद कई की किसी तरह से जान बची।
हादसे पर एक नजर
कैंट रेलवे स्टेशन के पास एईएन कॉलोनी के ठीक सामने निर्माणाधीन चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर की दो बीम 16 मई मंगलवार की शाम करीब 5:30 बजे सड़क पर गिर पड़ी थी। बीम के नीचे एक महानगर सेवा की बस सहित दर्जन भर वाहन आ गए थे। रात नौ बजे तक 15 लोगों के मरने की खबर थी। 30 से अधिक लोग इस हादसे में चोटिल हुए थे। बीम के नीचे दबे वाहनोें को गैस कटर से काट कर सेना और एनडीआरएफ के जवानों ने 15 शव और छह घायलों को बाहर निकाला था। घायलों का बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर सहित अलग-अलग हॉस्पिटलों में इलाज चल रहा था। हादसे की जानकारी मिलने पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य काशी पहुंचे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ भी देर रात आए थे। अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात करने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दुर्घटनास्थल पर भी पहुंचे थे। शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल से मुख्यमंत्री योगी नाथ आदित्यनाथ के निकलते ही पुलिस और भाजपाइयों में नोकझोंक हुई थी। सीएम इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों को देखने गए थे तो बाहर खड़े भाजपा कार्यकर्ता भी उनके साथ अंदर जाना चाह रहे थे। इस दौरान मौके पर सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे तब एसएसपी रहे आर के भारद्वाज और एसएपी सिटी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को वार्ड से बाहर कर दिया था। इस बात से नाराज भाजपाई सीएम के जाने के बाद पुलिस को कोस रहे थे। मौके पर मौजूद फोर्स ने किसी तरह से मामला शांत कराया था। दुर्घटना वाली देर रात 2:30 बजे तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सर्किट हाउस में अधिकारियों संग बैठक किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खबरनवीसों को जानकारी दी थी कि इस हादसे में अब तक 15 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है जबकि दर्जनभर लोग चोटिल हुए हैं। मरने वालों में एक एनडीआरएफ का जवान भी शामिल था।
दुर्घटना वाली रात ही चार किए गए थे सस्पेंड
हादसे के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सेतु निगम के चार अभियंताओं को निलंबित कर दिया था। चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एचसी तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर राजेन्द्र सिंह, केआर सुदन व अवर अभियंता लालचंद पर कार्रवाई की गाज गिरी थी। वाईके गुप्ता की अध्यक्षता में तकनीकी टीम का गठन किया गया था। इस टीम को 15 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। घायलों का हाल जानने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही कई अन्य बिंदुओं पर मातहतों को निर्देशित किया था।
प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति ने जताया था दुख
अपने संसदीय क्षेत्र में निर्माणाधीन फ्लाईओवर के गिरने से हुए दर्दनाक हादसे पर पीएम मोदी ने दुख जताया था। उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द ही ठीक हो जाएं। साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों से बात कर मदद करने के निर्देश दिए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में बीजेपी के ऑफिस में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते वक्त भी दुख जताया था। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि अभी कुछ समय पहले वाराणसी में दर्दनाक हादसा हो गया। मैंने सीएम योगी आदित्यनाथ से बात की है। साथ ही अधिकारियों से बात कर उन्हें राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुल हादसे पर शोक व्यक्त किया था।





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