सत्येन्द्र कुमार संवाददाता
शहाबगंज क्षेत्र के किड़िहिरा गांव की सील सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मंगलवार को सील दुकान को अन्य गांव में संबद्ध करने की सूचना मिलने पर ग्रामीण विरोध करते हुए सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष तियरा गांव के पास पुल पर जाम लगा दिया।
जाम की सूचना मिलते ही एसडीएम चकिया अजय मिश्र और थाना प्रभारी अवनीश कुमार राय मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया लेकिन ग्रामीण दुकान को अन्य गाँव में अटैच न करने की मांग पर डटे रहे।मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने ग्रामीणों को समझाकर घर भेज दिया ,वहीं ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए सील दुकान का राशन बिना उठाये प्रशासन खाली हाथ वापस आ गयी।
"उपजिलाधिकारी अजय मिश्र को शिकायत मिली थी कि किड़िहिरा गांव की कोटेदार नजमा द्वारा अंगूठा लगाने के बाद भी राशन नहीं दिया जा रहा ,सूचना के आधार पर उपजिलाधिकारी 8 अगस्त को गांव में पहुंच कर कोटे की दुकान का जांच करना प्रारंभ किया ,जहां स्टॉक से अधिक राशन मिला।जिसपर वित्तीय अनियमितता मानते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान को सील कर दिया ,जहां ग्रामीण एसडीएम के सामने ही दुकानदार के पक्ष में लामबंद हो गये। ग्रामीणों का कहना था कि कोटेदार के यहां हम लोग स्वेच्छा से राशन छोड़े हैं।"
ग्रामीणों के विरोध के कारण सप्लाई इस्पेक्टर ममता सिंह 10 अगस्त को गांव में पहुंच कर कार्डधारकों का बयान दर्ज किया।लेकिन जब मंगलवार को सील दुकान का राशन सिंघरौल गांव के दुकानदार को सुपुर्द कराने के लिए सप्लाई इंस्पेक्टर पहुंची तो ग्रामीणों का भारी विरोध झेलना पड़ा।प्रशासन की हठधर्मिता को देखते हुए तियरा गांव के पास सैकड़ों की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने चकिया-चन्दौली मार्ग को जाम कर दिया,बड़ी संख्या में ग्रामीणों के सड़क पर उतरने पर प्रशासन के हाथपांव फूल गये।लॉकडाउन का हवाला देकर पुलिस ने ग्रामीणों को समझाकर जाम छुड़ाया।
उपजिलाधिकारी अजय मिश्र ने कहा कि जिसको भी शिकायत है वह कार्यालय में आकर प्रार्थना पत्र दे किसी को कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा । गांव में देर शाम तक तनाव का माहौल बना रहा।




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