लोकपति (संवाददाता)
एल एम डी न्यूज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क चन्दौली
इलिया। सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते खरौझा बंधी के टूटने का सिलसिला थम नहीं रहा है। बुधवार की रात दूसरे दिन पुनः बंधी के टूट जाने से आधा दर्जन गांवों के संपर्क मार्ग बाधित होने का खतरा जहां मंडराने लगा है। वहीं बंधी का पूरा पानी खेतों में बह जाने से यहां के किसानों के धान की खेती अब प्रकृत के सहारे हो गई है।
खरौझा बंधी से खरौझा, अर्जी, ईसापुर, बनरसिया, घुरहूपुर आदि गांवों के किसानों के खेतों की सिंचाई लंबे समय से होती चली आ रही है। प्रकृत के रूठ जाने के बाद धान की खेती के लिए खरौझा बंधी ही किसानों का प्रमुख सहारा होता है। पिछले चार दिनों से हो रही बारिश के चलते बंधी में पानी इकट्ठा होने लगा था। जिससे सिंचाई के लिए क्षेत्रीय किसानों की उम्मीदें जग गई थी। इसी बीच पानी का दबाव पाकर बंधी में ड्रेन के समीप लंबे समय से भौ बनने के कारण मंगलवार की रात टूट गई थी। जिसे बुधवार के दिन में क्षेत्रीय किसानों के सहयोग से सिंचाई विभाग के कर्मचारियों ने बांधने के लिए बालू भरी बोरियों का प्रयोग किया। मगर पानी का दबाव कम नहीं हुआ। और बुधवार की रात एक बार पुनः बंधी टूट गई। जिससे बंधी का पूरा पानी आसपास के खेतों में बह गया। और खेत जलमग्न हो गए। किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग समय रहते बंधी में भौ की मरम्मत करा दिया होता तो ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती। वहीं गुरुवार को बंधी की मरम्मत कराने आए जेई कविराज यादव एवं तार बाबू धीरेंद्र तिवारी ने कहा कि बंधी टूटने के साथ ही मरम्मत कार्य शुरू करा दिया गया था। बावजूद पानी का दबाव बढ़ने से बंधी टूट गई। जिसका मरम्मत किया जा रहा है।
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इलिया। सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते खरौझा बंधी के टूटने का सिलसिला थम नहीं रहा है। बुधवार की रात दूसरे दिन पुनः बंधी के टूट जाने से आधा दर्जन गांवों के संपर्क मार्ग बाधित होने का खतरा जहां मंडराने लगा है। वहीं बंधी का पूरा पानी खेतों में बह जाने से यहां के किसानों के धान की खेती अब प्रकृत के सहारे हो गई है।
खरौझा बंधी से खरौझा, अर्जी, ईसापुर, बनरसिया, घुरहूपुर आदि गांवों के किसानों के खेतों की सिंचाई लंबे समय से होती चली आ रही है। प्रकृत के रूठ जाने के बाद धान की खेती के लिए खरौझा बंधी ही किसानों का प्रमुख सहारा होता है। पिछले चार दिनों से हो रही बारिश के चलते बंधी में पानी इकट्ठा होने लगा था। जिससे सिंचाई के लिए क्षेत्रीय किसानों की उम्मीदें जग गई थी। इसी बीच पानी का दबाव पाकर बंधी में ड्रेन के समीप लंबे समय से भौ बनने के कारण मंगलवार की रात टूट गई थी। जिसे बुधवार के दिन में क्षेत्रीय किसानों के सहयोग से सिंचाई विभाग के कर्मचारियों ने बांधने के लिए बालू भरी बोरियों का प्रयोग किया। मगर पानी का दबाव कम नहीं हुआ। और बुधवार की रात एक बार पुनः बंधी टूट गई। जिससे बंधी का पूरा पानी आसपास के खेतों में बह गया। और खेत जलमग्न हो गए। किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग समय रहते बंधी में भौ की मरम्मत करा दिया होता तो ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती। वहीं गुरुवार को बंधी की मरम्मत कराने आए जेई कविराज यादव एवं तार बाबू धीरेंद्र तिवारी ने कहा कि बंधी टूटने के साथ ही मरम्मत कार्य शुरू करा दिया गया था। बावजूद पानी का दबाव बढ़ने से बंधी टूट गई। जिसका मरम्मत किया जा रहा है।






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