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ईंटभट्‌ठों काम कर रहे नाबालिग अनजान बनकर अधिकारी साधे हुए हैं चुप्पी



गरीबी और पेट के ख़ातिर नाबालिगों को करना पड़ रहा काम, इनकी मजबूरी का फायदा उठाने नही चुकते है संचालक , औने पौने मजदूरी देकर कराते है काम    


शिकारगंज /चंदौली। लोक मीडिया । क्षेत्र में इन दिनों चिमनी भट्टो व होटलों में नाबालिग लड़के मजदूरी करते नजर आ  रहे हैं। लेकिन इन सब से अनजान अधिकारी चुपी साधे हुए हैं। जब कि नाबालिग मजदूरों के लिए सरकार ने कई तरह के कल्याणकारी योजनाएं बनाई है। जिसका अनुपालन कहीं भी देखने को नहीं मिल रहा है। चिमनी ईट भट्टे चलाने वाले संचालक भी मानकों को पूरा नही कर रहे हैं। चिमनी भट्टो व होटल चाय नाश्ते पर काम करने वाले नाबालिग मजदूरों में अधिकतर बिहार के बाहर का मजदूर होते हैं। जिसमे सबसे ज्यादा झारखंड राज्य के होते हैं गरीबी का दंश झेल रहे लाचार मां-पिता ने अपने कलेजे के टुकड़े को चंद पैसे के लिए आग की भट्टियों में काम करने को भेज रहे है।

बता दें कि  ईट भट्टे व होटलों दुकानों में काम करने वाले बच्चों के लिए साक्षरता मिशन को भी सरकार पठन पाठन कराने के लिए गांव गांव व शहरों में समय समय पर   जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं  साथ ही अन्य कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं बनाई गई है प्रखंड स्तर पर श्रमिक विभाग ने अधिकारी भी तैनात किए हैं। लेकिन  आज के समय अधिकांश गरीब तबके परिवार  के बच्चे पढ़ने के समय कार्य कर रहे हैं । इसका जिम्मेदार कोन है अभिभावक, अधिकारी  या गरीबी ?

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