अम्बुज मोदनवाल (संवाददाता)
शिकारगंज (चकिया)। बाबा जागेश्वर नाथ हेतिमपुर परिसर में आयोजित श्रीराम कथा के सातवें दिन काशी के प्रसिद्ध कथा व्यास पंडित रामेश्वरानंद जी महाराज ने सीता-राम विवाह, धनुष यज्ञ एवं विदाई प्रसंग का मनमोहक वर्णन किया। ब्लॉक प्रमुख शंभू नाथ यादव एवं चकिया कोतवाल अर्जुन सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर कथा का शुभारंभ किया।
कथा व्यास ने बताया कि सीता-राम विवाह भक्त और भगवान के मिलन का प्रतीक है, जहां सीता भक्त एवं श्रीराम भगवान हैं। उन्होंने मिथिला के विवाह गीत गाकर विवाह महोत्सव का जीवंत चित्रण किया। धनुष यज्ञ पर बोलते हुए महाराज ने अनोखा प्रसंग सुनाया कि टूटा धनुष सबसे प्रसन्न है, क्योंकि उसके टूटने से सीता-राम का मिलन हुआ। धनुष ने कहा, "जब तक जुड़ा था, तोड़ने का काम करता था, अब टूटकर भी सीता-राम को जोड़ रहा हूं और भगवान के चरणों में पड़ा हूं।"
इसके बाद महाराज दशरथ की बारात के अयोध्या से मिथिला प्रस्थान एवं पहुंचने की रोचक कथा सुनाई। सीता विदाई प्रसंग में राजा जनक एवं रानी सुनैना के आंसू न रोक पाने का वर्णन सुन श्रद्धालुओं की आंखें भी भर आईं।
कार्यक्रम में बाबा जागेश्वरनाथ महंत अनूप गिरी, कोडरमा हनुमानजी महंत विधायक कैलाश आचार्य, ब्लॉक प्रमुख शंभू नाथ यादव, कोतवाल अर्जुन सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष त्रिलोकी बिंद, समिति अध्यक्ष अरविंद सिंह, रामभरोस जायसवाल, महेंद्र सिंह, भारत माली, रामनिवास पांडे, अवध बिहारी मिश्रा, जनार्दन सिंह सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
.jpg)




0 Comments