चकिया/चंदौली। चकिया के सिकंदरपुर में आज ईद-उल-फितर का पर्व बड़े हर्षोल्लास और आपसी भाईचारे के साथ मनाया गया। सुबह के समय स्थानीय मस्जिदों और ईदगाह में सैकड़ों नमाजियों ने एकजुट होकर ईद की नमाज अदा की। रमजान के पवित्र महीने के समापन के बाद इस त्योहार ने क्षेत्र में खुशियों की लहर दौड़ा दी।
सिकंदरपुर की मस्जिदों को रंग-बिरंगी झंडियों और रोशनी से सजाया गया था, जिसने पूरे इलाके को उत्सवी माहौल प्रदान किया। नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी और मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। खास तौर पर मीठी सेवइयों और शीर खुरमा की महक हर घर से उठ रही थी, जो इस पर्व की मिठास को और बढ़ा रही थी।
स्थानीय निवासी मोहम्मद जमील शाह ने कहा, "ईद-उल-फितर हमारे लिए खुशी और एकता का प्रतीक है। महीने भर के रोजे के बाद यह दिन अल्लाह का शुक्रिया अदा करने और आपस में प्यार बांटने का मौका देता है।" नमाज के दौरान मौलाना मरगूब आलम ने अपने संबोधन में भाईचारे, शांति और गरीबों की मदद करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ईद का असली मकसद समाज में खुशहाली और समरसता लाना है।
इस मौके पर बच्चों में भी खास उत्साह देखा गया। नए कपड़े पहने बच्चे ईदी लेने के लिए उत्साहित दिखे, वहीं महिलाओं ने घरों में स्वादिष्ट पकवान तैयार किए। सिकंदरपुर के बाजारों में भी रौनक रही, जहां लोग ईद की खरीदारी करते नजर आए।
प्रशासन ने भी इस अवसर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, जिससे त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। चकिया के सिकंदरपुर में ईद-उल-फितर का यह उत्सव न केवल धार्मिक उमंग का प्रतीक बना, बल्कि समुदाय के बीच एकता और प्रेम का शानदार उदाहरण भी प्रस्तुत किया।








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